Saturday 7 June 2014

मेरी बीवी और मेरे दोस्त - होली का त्योंहार-3b - देव शर्मा

मेरी बीवी और मेरे दोस्त - होली का त्योंहार-3b
- देव शर्मा  

"अरे भाई मोउमिता   वैसे ही नाराज़ हो गयी थी एक तो उसको इतना गरम किया और फिर
दूसरा दो तीन झटकों में ही फुस्स हो गया अब मैंने उससे कहा चलो कोई बात नहीं!
में तो हूँ ना भाभी ! पर वो अब सुन ही नहीं रही थी और उसने हमें भी उल्टा सीधा
कहना शुरू कर दिया ! भाई बहुत गुस्सा हो गयी थी भाभी , फिर तो मेरा भी पप्पू
बैठ गया और मैंने उससे माफ़ी मांग ली "!
"अच्छा तुम दोनों ने यार उसे कैसे छोड़ दिया एक तो साली पूरी नंगी और तुम दो
दो मुश्टंडे फिर बिस्तर भी वही था मौका भी था तब भी रह गए , मैंने तो उसकी चुत
में डाल ही दिया था पर अगर देव शर्मा  ना आता तो अब तक तो उसे ठंडी कर चूका होता "
आकाश  ने अपना बखान किया
मैं भी सोच रहा था कैसे लोग है ये दोनों ! नंगी औरत को भी ठीक से चोद नहीं पाए
! पर होता है ज़ल्दबाज़ी का काम हमेशा ख़राब ही होता है ; अगर ये दोनों आराम
से उसको ठोकते तो मज़ा पक्का आता पर इन्हें मेरे आने का डर लग रहा होगा ! पर
इन्हें क्या पता की में तो खुद चाहता हूँ की तुम मेरी बीवी को ठोको, अब ये तो
पक्का था मोउमिता   बहुत गरम हो चुकी होगी और आज रात वो जरुर अपनी चुत मुझसे नहीं
तो किसी और से जरुर मरवाएगी !
अब में वहां से वापस गया और आकर अपने पेग बनाने लगा ! कुछ देर में राजीव  भी
गया वो भी मेरे साथ दारू पीने लगा ! मोउमिता   तब तक बाहर कर फिर से टी वी
देखने लगी थी ! हम दोनों दारू पीते पीते बातें करने लगे ! पीते पीते रात के
१०.३० बज गए ! मोउमिता   भी अब सो चुकी थी या कहे की सोने का नाटक कर रही थी !
मैंने इस तरह से नशा चड़ने की एक्टिंग की राजीव  को लगा अब में जरुर सो जाऊंगा ,
और मैंने किया भी ऐसे ही में वही जहाँ नीचे बिस्तर लगा हुआ था वही लेट गया ,
अब राजीव  उठा और मोउमिता   को जगाने लगा !
"भाभी देखो देव शर्मा  भाई तो यही लुड़क गए ! "
"ओह हो ये भी ना इनको भी ज्यादा नहीं झिलती अब ये तो सुबह ही उठेंगे "
मुझे पता था की वो दोनों जानबूझ कर ऐसी बातें कर रहे है ! मोउमिता   ने वहां से
सारा सामान उठाया और किचन में रखने चली गयी राजीव  वही मेरे पास लेट गया
"आप ऊपर सो जाए में यहाँ इनके पास नीचे लेट जाती हूँ , आप को नीचे नींद नहीं
आएगी " मोउमिता   ने राजीव  को कहा !
"नहीं भाभी आप भाई को ऊपर बेड पर लेटा दो और आप भी ऊपर सो जाओ में यहाँ आराम
से सो जाऊंगा "
मोउमिता   ने मुझे उठाने की कोशिश की पर में भी तो पक्का खिलाडी था ! में भी इस
तरह से बेसुध पड़ा रहा की उन दोनों को यकीं हो जाए की में सच में नशे में सो
गया हूँ
"क्या भाई ऐसे ही नशे में ऐसे ही सो जाते है क्या भाभी"
"हा ज्यादा पी लेते है तो ऐसे ही हो जाते है अब ये सुबह ही उठेंगे और फिर सर
पकड़ कर बैठ जाएँगे "
"मतलब अब नहीं उठेंगे "
"हा जी अब नहीं उठेंगे "
"पक्का है ना "
"हा हा पक्का है "
"तो में नीचे ही सो जाऊ या घर जाऊ "
"जैसी आप की मर्ज़ी "
"आप की कुछ नहीं है क्या "
में समझ गया अब काम शुरू होने वाला है , पर मुझे डर भी था की कही इन दोनों में
मुझे इनको कुछ करते देख लिया तो मोउमिता   का क्या रिअक्शन होगा ! तो मुझे बड़ी
सावधानी से सब कुछ देखना होगा !
"चलो अब रात बहुत हो गयी है मुझे नींद रही है , आप भी सो जाएँ " मोउमिता   उठी
और उसने टी वी और लाईट दोनों बंद कर दी !
धत तेरे की ये क्या ये लाईट बंद हो गयी अब क्या कद्दू दिखेगा मुझे, हो गया
सारे प्लान का गुड़ गोबर !

राजीव  मेरे बगल में आकर लेट गया और मोउमिता   ऊपर बेड पर ! काफी देर तक वो दोनों
ऐसे ही पड़े रहे में भी ये सोच रहा था क्या हुआ क्या आज इन का मन नहीं हो रहा !
अब लेटे लेटे मुझे सही में नींद आने लगी थी ! तभी अचानक मोउमिता   उठी और किचन
में फ्रीज़ में पानी पीने की लिए उसने लाईट जलाई मैंने चुपचाप देखा तो राजीव  भी
उठा हुआ था और मोउमिता   को ही देख रहा था !
"क्या बात है भाभी नींद नहीं रही है " उसने धीरे से कहा!
" तो रही है पर प्यास भी तो लग रही है ना , बिना प्यास मिटाए नींद कहा से
आएगी" मोउमिता   ने भी धीरे से जवाब दिया
बस अब की बार लाईट बंद ना हो में ऐसा भगवान् से प्राथना कर रहा था
"प्यास तो मुझे भी लगी है "
"तो बुझाते क्यों नहीं "
ऐसा सुन कर राजीव  खड़ा हुआ और किचन की तरफ चला गया वहां उसने भी पानी पिया और
फिर मेरे पास आकर मुझे हिलाते हुए मुझसे पानी के लिए पूछा ! पर में कहाँ उठाने
वाला था जब उसे तस्सली हो गयी की में अब नहीं उठूँगा तो वो फिर से किचन में
गया जहाँ मोउमिता   खड़ी थी
उसने मोउमिता   के कान में कुछ कहा तो मोउमिता   मुस्कुरा दी , उसके बाद मोउमिता   ने
लाईट बंद कर दी और वापस बिस्तर पर लेट गयी ! राजीव  मेरे पास दुबारा गया , में
सोच रहा था ये हो क्या रहा है !
थोड़ी देर हुई होगी की राजीव  चुपके से उठा और सीधा बिस्तर पर चढ़ गया ! अँधेरा
होने की वज़ह से मुझे साफ़ साफ़ नहीं दिख रहा था पर उन दोनों की फुसफुसाहट थोड़ी
थोड़ी सुनाई दे रही थी !
"तुम यहाँ क्या कर रहे हो " मोउमिता   ने अचानक उसे देख कर कहा
"भाभी अब तो नाराज़ ना हो दिन में में कुछ ज्यादा ही मस्त हो गया था इसलिए "
"तो अब क्या इरादा है"
"अब तो सारी रात ही हमारी है "
"अच्छा दिन में तो इतनी जल्दी हो गए अब रात भर क्या मुझे लोरी सुनाओगे"
"ये देखो ना क्या हाल है मेरा "
"अरे बाप रे ये क्या है"
" भाभी देखो ना कैसे तड़प रहा है "
"तो में क्या कर सकती हूँ इसका "
"आप कुछ मत करो जो करूँगा में करूँगा "
"देखते है "
"ये क्या ...? नहीं अभी कपडे मत उतारो "
"तो भाभी मज़ा कैसे आएगा "
"ऐसे ही करना है वो कर लो "
राजीव  उसके कपडे उतारने की कोशिश कर रहा होगा और मोउमिता   उसे मना कर रही होगी !
अब तो मेरा तन कर आधा इंच और लम्बा हो गया था !
"बस नीचे की स्कर्ट उतारने दो ना भाभी "
"नही , अरे .....नहीईइ ना ओह्ह हो तुम मानोगे नहीं .....कही देव शर्मा  उठ गया तो "
"अब वो नहीं उठता "
"चलो नीचे उतारो मत बस ऊपर कर लो "
"नहीं ना भाभी मज़ा तो नंगे बदन ही आता है "
"प्लीस्स्स्स ....नहीई तुम नहीं मानोगे ना ......ओह्ह्ह हो ....मत करो !!!!!!
"अब आएगा ना मज़ा" राजीव  ने जितने वाली आवाज़ में कहा
मतलब राजीव  स्कर्ट उतार चूका था !
"अब इसे मत उअतारो ना !!!!!!!! ऊपर कर लो !
"बस हो गया भाभी ...अब देखो मज़े !!!!!
"कुछ तो रहने दो शरीर पर "
"बस बस देखो ....अहह क्या मज़ेदार बदन है तुम्हारा भाभी"
"मतलब तुम नहीं मानने वाले ना पुरे उतार ही दिए ना"
"अब बताओ भाभी क्या मज़ा नहीं रहा तुम्हे "
"क्यों नहीं आएगा , अपने ही पति के साथ दुसरे मर्द से मज़े ले रही हूँ तो मज़ा
तो आएगा ही "
"अह्ह्ह ह्ह्ह्हाआ नहीईइ कितना बड़ा है ये .....आराम से डालो ना "
"बस बस आह्हा पूरा गया ना भाभी .....कैसा है मज़ेदार है ना"
"ओह्ह्ह्ह अहह्ह्ह्हा ईईइ क्या सीधा है ओह्ह उह्ह्ह्ह "
"कैसे मज़े आते है जोर से या धीरे से "
"तेज़ करो और तेज़ .....ओह्ह्हह्ह्ह्ह ईईईईइ मर गयीईई अह़ा आःह्हा उह्ह्हह्ह
क्या शानदार है "
उन दोनों की चुदाई शुरू हो चुकी थी पर मुझे कुछ नहीं दिख रहा था बस आवाजें
रही थी मैंने अपना लंड निकल लिया और लगा मुठ मारने
सच में आज मुठ का मज़ा ही अलग था ,
बिस्तर पर धप धप की आवाजें तेज़ होती जा रही थी , मैंने थोडा सा उठकर ऊपर
देखने की कोशिश की तो थोडा सा अँधेरे में दिखा की मोउमिता   दोनों टंगे फैलाए
लेटी हुए है और राजीव  उसके ऊपर चड़ा हुआ धकाधक उसे चोदे जा रहा है !उसके झटको
की स्पीड बदती ही जा रही थी मोउमिता   में मुह से मादक आवाजें निकले जा रही थी !
माहोल बहुत ही गरम हो चला था !
"अह्ह्ह बताओ ना भाभी किस है मेरा लंड "
"आःह्ह्हा मज़ा गया ईई उह्ह्हह्ह क्या शानदार झटके है तुम्हारे उघ्ह्ह्हह्ह
अह्ह्ह्ह मर गयीई आज तो !!!!!!!!!!!!!
"तीनो में किसका सबसे तगड़ा है भाभी "
"आह्ह्ह अभी तो तुम्हारा ही है आकाश  का तो अभी सिर्फ अन्दर ही गया है अभी
उसने अपने झटके दिखाई ही कहा है"
"तो कल उसका भी लो ना भाभी"
"आःह्हा जरुर उह्ह्ह्हह्ह ईईईईइ कल तुम तीनो का लेना है ''''' आह्ह्ह उह्ह्ह्ह
फाड़ डाला आज तो मर गयीईई आज तो
"आहा भाभी आःह्ह्हा आह्ह्ह में होने वाला हूँ भाभी अह्ह्ह " बताओ कहा डालू
"आःह्हा अन्दर ही रहने दो सस अहह उह्ह्ह बाहर मत निकालना ऊउह्ह्ह आईई "
"में हुआ हुआ !!!! आःह्हा आह्ह्ह "
"आहा आआह्ह्ह कितना गरम है आःह्ह्ह उह्ह्ह्ह ईईईई "
राजीव  के धक्के बंद हो गए अब उन दोनों की सांसे चल रही थी कुछ देर तक तो दोनों
ऐसे ही पड़े रहे राजीव  ने अपना सारा माल मोउमिता   की चुत में ही डाल दिया था !
"अब उठो मुझे बाथरूम जाने दो हटो मेरे ऊपर से "
मोउमिता   उठ कर बत्रुम की तरफ गयी में दुबारा वैसे लेट गया मोउमिता   ने बाथरूम की
लाईट जलाई और मेरी तरफ देखा निश्चिन्त होकर वो अन्दर चली गयी उस वक़्त वो पूरी
नंगी थी राजीव  भी उसके पीछे पीछे बाथरूम में चला गया वो भी पूरा नंगा था उसका
पप्पू अब भी थोडा ताना हुआ था उसने जाते ही बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर दिया !
में उठ कर दरवाज़े के पास गया और कान लगा कर सुनने लगा पर अन्दर से शावर की
आवाज़ रही थी ! थोड़ी देर में बड़े जोर से पानी में भीगने और पट पट की आवाजें
शुरू हो गयी ! और साथ साथ मोउमिता   की आहे भी सुनाई दे रही थी ! मतलब राजीव  अब
उसे शावर के नीचे ही चोदने लगा था ! बड़ी मस्त आवाजें थी ! में अंदाज़ा लगा रहा
था की किस तरह मोउमिता   खड़ी होगी जरुर राजीव  उसे एक टांग उठा कर पीछे की तरफ से
उसकी चुत चोद रहा होगा ! करीब २० मिनट तक वो आवाजें लगातार आती रही ! फिर कुछ
देर में सब शांत हो गया शावर बंद हो गया और फिर में अपनी जगह पर गया ! दोनों
नंगे ही बाहर आये और आकर दुबारा से बिस्तर पर लेट गए ! राजीव  अन्दर किचन में
गया और वहा फ्रिज से दूध निकाल कर पीने लगा अपनी ताकत दुबारा से जुटा रहा होगा
फिर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और फिर दोनों शुरू हो गए मोउमिता   भी आज अपनी पूरी
खुराक लेना चाहती थी ! मैंने भी दो बार मुठ मार ली थी मुझे कब नींद लगी मुझे
पता नहीं चला पर मेरे सोने से पहले राजीव  मोउमिता   को बार चोद चूका था पर में
कुछ देख नहीं पाया इस का अफ़सोस रहा मुझे !

सुबह उठा तो सर इतना भारी हो रहा था, की मन था आज ऑफिस की छुट्टी कर ली जाये !
पर मैंने अभी कुछ निश्चय नहीं किया उठकर देखा तो राजीव  जा चूका था ! घडी में 9
बज रहे थे मोउमिता   भी घर पर नहीं थी, मुझे आश्चर्य हुआ कही राजीव  उसे कहीं बाहर
तो नहीं ले गया पर थोड़ी देर में वो वापस गई, उसके हाथ में दूध का पेकेट था !
"राजीव  कब गया " मैंने उठते हुए पुछा !
"वो तो सुबह बजे ही चला गया था "
"अच्छा इतनी सुबह उठ जाता है, इतनी पीने के बाद भी ! अच्छा स्टेमिना है उसका "
में जानता था मोउमिता   से ज्यादा कौन जानता है राजीव  के स्टेमिना के बारे में
क्योंकि मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा दी थी !
"हाँ तुम तो रात को औंधे होकर ऐसे सो रहे थे की अगर यहाँ बम भी गिर जाता तो
तुम्हे कोई फरक नहीं पड़ता " मोउमिता   ने थोड़ा सा ताना मारा !
"क्या करूँ जान उन लोगों की तरह आदत नहीं है ना पीने की इसलिए "
मन तो कर रहा था कह दूँ की उन की तरह आदत भी नहीं है चोदने की ! में उठ कर
बाथरूम की तरफ चला गया तब तक मोउमिता   ने मेरे लिए चाय बना ली थी ! हम दोनों के
बीच आम दिनों की तरह बातें हुई ! मोउमिता   को देख कर नहीं लग रहा था की कल रात
उसके साथ कुछ हुआ है वो बिलकुल नोर्मल थी वो बिलकुल फ्रेश लग रही थी ! उसने
नहा कर आज फिर से एक हलकी सी साड़ी पहन ली थी ! और उसके ऊपर एक बहुत ही तंग
गले का ब्लाउस वो भी बिना बाँहों का, साड़ी को आज उसने थोड़ा नाभि के पास
बांधा था जिससे उसकी २८की कमर का मांसल हिस्सा चमक रहा था ! साड़ी इतनी
हल्की और कस के बंधी थी की मोउमिता   के चूतडों का उभार मस्त लग रहा था ! मेरा
लंड तन गया मन किया अभी कुछ कर दूँ पर सोचा अभी थोड़ा अपने को कट्रोल कर लेता
हूँ वैसे भी ये तो मेरा ही माल है जब मर्ज़ी तब पेल सकता हूँ ! अभी तो इसकी
जवानी को पुरे मज़े ले लेने देता हूँ, मैंने सोचा क्यों मोउमिता   को कहूँ के
में ऑफिस जा रहा हूँ ! और ऑफिस जाकर देखूं के आज क्या होता है !
"अच्छा मेरा नाश्ता तैयार कर दो में वैसे ही लेट हो गया हूँ ऑफिस जाने के लिए
जल्दी ही निकल जाता हूँ " मैंने जल्दी से बाथरूम में घुसते हुए कहा !
"ठीक है "
में जल्दी से जाने को तैयार हुआ और घर से निकल पड़ा जिस तरह से मोउमिता   आज
तैयार थी मेरा सोचना यही था आज तो उसे जी भर के मज़े लेने दूँ वैसे भी में
अपने काम में इतना बिजी हो जाता हूँ की उसके साथ क्वालिटी टाइम बिता ही नहीं
पाता ! और ये भी हकीकत है के जितना मज़ा में किसी दुसरे की बीवी को दे सकता हूँ
अपनी बीवी को नहीं दे सकता वैसे ही मेरी बीवी को मज़ा कोई और मुझसे ज्यादा दे
सकता है ! क्योंकि अपने घर में तो बीवी है ही उसकी तो कभी भी ले सकते है ऐसा
हर आदमी सोचता है ! में अपने घर से निकल गया और अपनी गाडी को घर से काफी दूर
पार्क कर दिया अब में वहां से पैदल ही किसी ऐसी जगह पर चला गया जहाँ से हमारी
गली में आने जाने वालों पर में नज़र रख सकता था ! करीब 10 बजे में वहां खड़ा हुआ
और दिन के बारह बज गए पर मेरे घर की तरफ कोई आया और ही कोई बाहर निकला !
इंतज़ार करते करते 1.30 बज गया पर नतीजा वही !
अभी इंतज़ार चल ही रहा था की मेरे घर की तरफ से कोई निकला ! ये मोउमिता   थी !
उसने दरवाज़ा लॉक किया और फिर अपने फोन से किसी को फोन मिलाने लगी ! मेरे फोन
की रिंग बजने लगी अरे ये तो मुझे ही फोन कर रही थी
"हेल्लो आप कहा पर हो "
"इस वक्त तो में ऑफिस में ही होता हूँ तुम कहा होने की उम्मीद कर रही हो"
"नहीं नहीं में तो ऐसे ही पूछ रही थी दरअसल में कुछ सामन लाने बाज़ार जा रही थी
इसलिए तुम्हे फोन किया की कही तुम्हारा कोई सामान तो नहीं लाना "
"अरे नहीं जान तुम घूम आओ वैसे भी मुझे आज लेट हो सकता है आज ऑफिस में बहुत
काम है "
"तब भी कितना वक्त लग सकता है "
"क्यों तुम्हे भी देर हो सकती है क्या' "
"नहीं में सोच रही थी की अगर तुम लेट हो जाओगे तो में आज खाना बाहर से मंगवा
लेती हूँ, आज मेरा भी मन नहीं है खाना बनाने का "
"जैसा तुम्हे अच्छा लगे"
ऐसा कह कर मोउमिता   ने फोन काट दिया अब तो मैंने सोचा आज देखा जाए की मोउमिता 
क्या गुल खिलाती है ! उसने अगर उन तीनो के साथ कोई सेट्टिंग भी कर ली होगी तो
वो उन्हें मेरे होते हुए घर पर नहीं बुला सकती और मेरे पीछे भी नहीं क्योंकि
आज हमारा मकान मालिक वापस गया था ! अब अगर वो कुछ करवाना भी चाहती थी तो उसे
ही बाहर जाना पड़ेगा !
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